Horror-Story-Saat-Din-Ka-Murga

एक बार एक कसबे में राजू नाम का एक होनहार और नटखट बालक रहता था। वो अपने घर में सबका लाडला था और बहुत ही आज्ञाकारी था। वो बहुत ही नरम दिल था।

राजू स्कुल से गुनगुनाते हुए वापस आ रहा था। रास्ते में अतीक अहमद की मुर्गे की दूकान थी। वो अपनी दूकान में सफाई कर रहा था। तभी उसके हाथ से चूज़ों का एक पिंजरा गिर गया जिसमे से एक चूज़ा राजू के घर में घुस गया। 

राजू जब अपने घर में आया तो वो खेलने लगा तभी उसे आवाज़ आयी। राजू ने सोचा यु ही कोई आवाज़ है। आवाज़ फिर से आयी। इस बार राजू ने फिर से ढूँढा तो उसे वो चूज़ा दिखाई दिया।

राजू उसे देख कर बहुत खुश हुआ। राजू को देख कर वो चूज़ा डर के मारे छुप गया। राजू ने कुछ तरकीब लगायी, उसने उसके लये कुछ अनाज के दाने ढूंढें और खिलाने के लिए उसके सामने रख दिए।

 

धीरे धीरे वो प्यारा सा चूज़ा राजू के पास आने की हिम्मत जुटा पाया। और दाना खाने लगा। राजू ने उसके सर पे प्यार से हाथ फेरा और उसका नाम सोमू रखा। अब उन दोनों के बीच दोस्ती बढ़ने लगी। दोनों एक साथ रहते कहते पीते। एक साथ सोते थे।

पर एक दिन उनके इस प्यार को किसी की नज़र लग गयी। अतीक अहमद को कही से पता चला की उसका चूज़ा राजू के साथ खेलता है। तो वो अपना चूज़ा लेना राजू के यहाँ उसके पिता जी से मिलने पंहुचा।

उसने राजू के पिता जी से कहा उसका चूज़ा गम हो गया है और कई दिन से नहीं मिल रहा है। और ठीक वैसा ही चूज़ा राजू के पास है शायद। राजू के पिता जी ने अपनी स्वीकृति दी और राजू को अतीक अहमद का चूज़ा वापस देने को कहा।

राजू बहुत दुखी हुआ और बहुत भरी मन से राजू ने अपना सोमू वापस दिया।

राजू अब रोज़ जब स्कूल जाता तो सोमू को आवाज़ लगाता सोमू भी दौड़ के उसको अपना प्यार दिखता था। पर एक दिन कुछ ऐसा हुआ की सोमू दौड़ कर नहीं आया।  पर राजू रोजाना आवाज़ लगाता ” Somu” कुछ दिन बाद सोमू तो नहीं आया पर सोमू की आवाज़ सुनाई दी।

ये क्या राजू ने देखा एक बड़ा सा मुर्गा उसके सोमू पुकारने पर जवाब दे रहा था। पर उससे चला नहीं जा राजा था। राजू को कुछ गड़बड़ लगी। पर क्यों की अतीक राजू को ज़्यादा देर वह रुकने नहीं देता था इसीलिए राजू वह से चला गया।

राजू ने अपने घर में जैसे ही कदम रखा:

क्या बताऊ भाई रामदीन आजकल लोगों ने अपने स्वार्थ के लिए जानवरो को भी नहीं छोड़ा, उनको कई तरह की दवाई और इंजेक्शन लगाकर जल्दी बड़ा कर देते है ताकि उनसे मुनाफा कमा सके।

इससे लोगों के स्वास्थ्य को भरी हानि होती है, और ये कानूनी अपराध भी है, फिर भी लोग नहीं मानते अपने छोटे से लालच में जानवर और आम इंसान की जिंदगी से खिलवाड़ करते है।

राजू को वो दूकान वाली बात याद आ गयी। उसने तुरंत साडी बात अपने पिता जी और उनके मित्र को बताई। और उनसे प्रार्थना की ताकि सोमू की और दूसरे लोगों की जान बच सके।

उन्होंने तुरंत दुकान की तरफ रुख किया और वहn पर कुछ उसी प्रकार के इंजेक्शंस देखे।

उन्होंने तुरंत पुलिस को फ़ोन किया और अतीक अहमद के खिलाफ शिकायत दी। पुलिस ने अतीक को रेंज हाथों पकड़ लिया। और सरे जानवरों को आज़ाद करवा दिया।

 

सोमू फिर से राजू के पास आ गया, राजू ख़ुशी ख़ुशी अपने दोस्त का स्वागत किया।

शिक्षा : बुरे काम का बुरा नतीजा

Desi Kahani सात दिन का मुर्गा

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